1415-कृष्णा वर्मा की कविताएँ
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*कृष्णा वर्मा *
*1-स्त्री*
*अधखुले दरवाज़े पर खड़ी स्त्री *
*केवल इंतज़ार ही नहीं करती *
*वह भरती है भीतर उजालों को *
*महसूसती है *
*स्वछंद उड़ती ह...
2 days ago
4 comments:
उल्लेखनीय रिपोर्ट। बधाई।
Blog dekha. Shubhkamnayen.
Blog dekha.Shubhkamnayen.... Ratan Chand 'Ratnesh'
सच में जिन्दगी किताब जैसी है Iरिपोर्ट पठनीय व प्रेरक हैI बधाई है I
सुधा भार्गव
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