एक अदालत में मुकदमा पेश हुआ । “साहब, यह पाकिस्तानी है। हमारे देश में हद पार करता हुआ पकड़ा गया है। तू इस बारे में कुछ कहना चाहता है ? मजिस्टेट ने पूछा । मैंने क्या कहना है, सरकार! मैं खेतों में पानी लगाकर बैठा था। हीर के सुरीले बोल मेरे कानों में पड़े। मैं उन्हीं बोलों को सुनता चला आया। मुझे तो कोई हद नजर नहीं आई।
प्रवेश से वापसी तक / 'देहली_2 : ड्योढ़ी
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*जहाँ भीतर और बाहर मिलते हैं**एक पारम्परिक संरचना के भाषिक, सामाजिक और
सांस्कृतिक अर्थों की पड़ताल*
*ड्योढ़ी का वास्तु में ढल जाना *
口'ड्योढ़ी' केवल एक ...
23 hours ago