एक अदालत में मुकदमा पेश हुआ । “साहब, यह पाकिस्तानी है। हमारे देश में हद पार करता हुआ पकड़ा गया है। तू इस बारे में कुछ कहना चाहता है ? मजिस्टेट ने पूछा । मैंने क्या कहना है, सरकार! मैं खेतों में पानी लगाकर बैठा था। हीर के सुरीले बोल मेरे कानों में पड़े। मैं उन्हीं बोलों को सुनता चला आया। मुझे तो कोई हद नजर नहीं आई।
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*अनिमा दास**, **सॉनेटियर** , **कटक**, **ओड़िशा*
*1-**क्लांति *
*इस तृष्णा से तुम हो क्यों अपरिचित*
*इस अग्नि से तुम हो क्यों अवरोधित*
*मेर...
2 weeks ago