एक अदालत में मुकदमा पेश हुआ । “साहब, यह पाकिस्तानी है। हमारे देश में हद पार करता हुआ पकड़ा गया है। तू इस बारे में कुछ कहना चाहता है ? मजिस्टेट ने पूछा । मैंने क्या कहना है, सरकार! मैं खेतों में पानी लगाकर बैठा था। हीर के सुरीले बोल मेरे कानों में पड़े। मैं उन्हीं बोलों को सुनता चला आया। मुझे तो कोई हद नजर नहीं आई।
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*धरती: स्मृति में धड़कता जीवन**/ **डॉ* *. **पूनम चौधरी*
*धरती —*
*ना किसी रेखा से बँधी**,*
*ना किसी शब्द में बसी —*
*वह करुणा है**,*
*जो हर वज्...
1 week ago
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