इंतज़ामअली और इंतज़ामुद्दीन
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हि न्दी में इन दिनों ये दो नए मुहावरे भी चल पड़े हैं। अगर अभी आप तक नहीं
पहुँचे हैं तो जल्दी ही पहुँच जाएँगे। चीज़ों को संवारने, तरतीब देने,
नियमानुसार क...
वाटिका – मई 2013
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*मित्रो, ‘वाटिका’ की शुरुआत 7 अक्टूबर 2007 में हुई थी। इस ब्लॉग ने पाँच
वर्ष से अधिक का सफ़र कर लिया है। इस सफ़र में ‘वाटिका’ के साथ अपनी
कविताओं/ग़ज़लों क...
DOGS
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—Darshan Mitwa
*When the shopkeeper saw an Income-tax officer, alongwith his four
subordinates, coming in his shop; he at once stood up from his padded se...
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